शनिवार, नवंबर 15

                                                                  13 days@                                                                                 
‘प’ शब्द हम सबको बहुत प्रिय है। 
हम जिंदगी भर ‘प’ के पीछे भागते
रहते है।
पिता
पति-
पत्नी
पुत्र
पुत्री
परिवार
प्रेम
पुष्प
पुष्पांजलि
पैसा
पद
प्रतिष्ठा प्रतिभा
प्रतिमा
प्रतिष्ठान
प्रशंषा
प्रतिज्ञा
प्रतिबंध
परोपकार
परिचर्चा
प्रतियोगिता
पदोन्नति
पनोती
परेशानी
Problem……
Perfection
Pain..
Protection
और …प्रतीक्षा
ये सब ‘प’ के पीछे पड़ते-पड़ते हम जाने अनजाने ‘’पाप’’ कर जाते है
यह भी ‘प’ है। फिर हमारा ‘प’ से ..पतन प्राम्भ होता है और अंत मे बचता है
सिर्फ ‘प’ से पछतावा ।
पाप के ‘प’ के पीछे पड़ने से अच्छा है
परमात्माके ‘प’ 
के पीछे पड़े.।'' 
            

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