छोटी सी बात थी उसे तकरार कर दिया
किस्सा ये घर का था …बंद
कमरे का था .. पर
उसे भी ..सर ए बाज़ार कर दिया… कितना किया था मैंने विश्वास उन पर…..ठोकर से अपनी वक़्त ने बेदार कर दिया….
कुछ ख़ास लोगों के हुए
इस तरह करम
मुझ पर और उन पर कि… हमारे क़बीले को बेज़ार कर दिया I
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